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09 July 2015

सच

सच
हमेशा सच ही रहता है
झूठ के मुखौटे
नहीं बदल सकते
कभी उसका
असली रूप ।

सच
हर हाल में
सामने
आ ही जाता है 
कभी समय रहते
कभी समय बीतने के बाद ।

सच
कभी रुला देता है
खुशी-गम के आँसू
बिखरा देता है
और कभी
जीवन भर का
नासूर बन कर
रिसता रहता है
चाहे-अनचाहे।

~यशवन्त यश©

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