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14 September 2013

फिर वही.....

फिर वही बात
वही संकल्प
वही सप्ताह
वही पखवाड़ा
वही माह
वही मंच
पुरस्कार
और प्रपंच

फिर वही
व्यक्तिवाद
भाषावाद
क्षेत्रवाद
और अपवाद ....?

अपवाद है
तो सिर्फ
अपनी ज़ुबान
जिस पर
रचती बसती है
अपनी
हिन्दी ।

 ~यशवन्त यश©

8 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल में शामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा {रविवार} 15/09/2013 को ज़िन्दगी एक संघर्ष ..... - हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल - अंकः005 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें। कृपया आप भी पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | सादर ....ललित चाहार

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  2. सच कहा यशवंत .. इन प्रपंचों से दिल दुखता है ... सब कुछ एक ढोंग सा लगता है ..
    आपकी इस उत्कृष्ट रचना की प्रविष्टि कल रविवार, 15 सितम्बर 2013 को ब्लॉग प्रसारण http://blogprasaran.blogspot.in पर भी... कृपया पधारें ... औरों को भी पढ़ें |

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  3. है जिसने हमको जन्म दिया,हम आज उसे क्या कहते है ,
    क्या यही हमारा राष्र्ट वाद ,जिसका पथ दर्शन करते है
    हे राष्ट्र स्वामिनी निराश्रिता,परिभाषा इसकी मत बदलो
    हिन्दी है भारत माँ की भाषा,हिंदी को हिंदी रहने दो .....

    सुंदर सृजन के लिए ! बधाई,यशवंत जी...

    RECENT POST : बिखरे स्वर.

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  4. हिंदी दिवस पर सुंदर रचना..

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  5. तभी हिंदी की शान बनी रहेगी जब इसको बोलने वाले बोलते रहेंगे ... उसपे गर्व करते रहेंगे ...

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  6. बिल्कुल सही..... हिंदी को सही स्थल दिलाना हमारा भी कर्तव्य ....

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  7. अंग्रेज़ी के मुकाबले अब हिंदी पिछड़ गई है. इंटरनेट ने बहुत नुकसान पहुँचाया है. माइक्रोसॉफ्ट ने अभी तीन ही फाँट यूनीकोड हिंदी को दिए हैं. भारत में भी ऐसे फाँट बेचने की होड़ लगी है जो यूनीकोड नहीं हैं.

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  8. बेह्तरीन अभिव्यक्ति बहुत खूब ,
    कभी यहाँ भी पधारें

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