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12 January 2013

अजीब सी चिड़िया.....

वक़्त!
एक ऐसी चिड़िया है
जिसे कोई शिकारी
कितने ही दाने डाल कर
फंसा नहीं सकता
अपने जाल में ।
पर ऊंची उड़ान भरती
तीखी चोंच वाली
यह चिड़िया
सुनाती हुई
कभी कौवे जैसे
कर्कश स्वर
और कभी
कोयल जैसे
सुरीले गीत गा कर
बांधे रखती है
हर शिकारी को
अपने मोह पाश में!   

©यशवन्त माथुर©

6 comments:

  1. शुभप्रभात :))
    बांधे रखती है
    हर शिकारी को
    अपने मोह पाश में!
    सच में ,
    वक्त का हर शै गुलाम !!
    शुभकामनायें !!

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  2. बहुत खूब...

    जिंदगी
    जैसे भागती ट्रेन
    खुशी
    जैसे बिजली के तार पर
    क्षण भर के लिए दिख जाती
    चिड़िया।
    ....

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  3. waah! sunder, bhaav pradhan rachna
    shubhkamnayen

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  4. वक्त से कौन जीत सकता है..?

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  5. वक्त के मायाजाल से कोई नहीं बच पाया है..
    हर अच्छे -बुरे में वक्त में वक्त ने लोगो को फसाया है...
    बेहतरीन रचना....

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