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19 February 2011

चुनाव आयोग को एक सुझाव

बढते इंटरनेट के प्रयोग के इस दौर में अब चुनाव आयोग को ऑनलाइन वोटिंग के विकल्प पर भी विचार करना चाहिए.
इस सम्बन्ध में मेरा एक आलेख 'हिन्दुस्तान' दिल्ली के पूर्व सीनीयर रेजिडेंट एडिटर एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रमोद जोशी जी के ब्लॉग पर आज प्रकाशित है.
उनके  ब्लॉग का लिंक है ---http://pramathesh.blogspot.com/2011/02/blog-post_19.html आप चाहें तो मेरे लेख को इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं एवं अपने बहुमूल्य विचार दे सकते हैं.

8 comments:

  1. इसी विषय पर 9 जून 2009 को मैंने एक लेख लिखा था... कृपया देखें...
    1. आन पड़ी है ऑनलाइन वोटिंग की जरूरत

    http://khabar.ndtv.com/2009/06/09115920/Online-votingdharmendra.html

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  2. धर्मेन्द्र जी आपका लेख देखा.काफी पहले ही आपने ऑनलाइन वोटिंग की आवश्यकता की और संकेत कर दिया था.
    मैंने यहाँ इसके संभावित स्वरूप को रखना चाहा है.

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  3. Yashwant ji
    you have raised a timely issue .this is need of the hour .very good article .

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  4. इस महत्‍वपूर्ण लिंक को उपलब्‍ध कराने का शुक्रिया।

    ---------
    ब्‍लॉगवाणी: ब्‍लॉग समीक्षा का एक विनम्र प्रयास।

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  5. yashwant ji aapne bahut achchhe vishay par bahut achchhi jankari dee hai kintu hamare desh me abhi is disha me bahut prayas kiye jane ki aavshaykta hai kintu lagta hai ki aap jaisee yuvashakti is karya ko sambhav kar dikhayenge..

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  6. यशवन्त माथुर जी!
    आपका लेखन सराहनीय हैं। बधाई एवं
    उज्ज्वल भविष्य की मंगल-कामना।
    सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
    ==============================
    कृपया २५/५/२०१० को मेरे ब्लाग पर प्रकाशित यह गीत देखें।

    बबुआ ! कन्या हो या वोट...............

    -डॉ0 डंडा लखनवी


    बबुआ ! कन्या हो या वोट ।
    दोनों की गति एक है बबुआ ! दोनों गिरे कचोट ।।
    õ
    कन्या वरै सो पति कहलावै, वोट वरै सो नेता,
    ये अपने ससुरे को दुहते, वो जनता को चोट ।।
    õ
    ये ढूंढें सुन्दर घर - बेटी, वे ताकें मत - पेटी,
    ये भी अपनी गोट फसावैं, वो भी अपनी गोट ।।
    õ
    ये भी सेज बिछावैं अपनी, वो भी सेज बिछावैं,
    इतै बिछै नित कथरी-गुदड़ी उतै बिछैं नित नोट ।।
    õ
    कन्यादानी हर दिन रोवैं, मतदानी भी रोवैं,
    वर में हों जो भरे कुलक्षण, नेता में हों खोट ।।
    õ
    कन्या हेतु भला वर ढूंढो, वोट हेतु भल नेता,
    करना पड़े मगज में चाहे जितना घोटमघोट ।।
    õ õ õ õ
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  7. बहुत बढ़िया तथा सहमति देने योग्य विचार है. इस बेहतरीन तथा नई सोच के लिए बधाई, यशवंत जी.

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