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20 June 2010

अख़बारों की सुर्ख़ियों में बिग बी की बचपन में पिटाई.

आप के हमारे और सब के बिग बी यानि अमिताभ बच्चन  ने अपने ब्लॉग में बचपन में बोर्डिंग स्कूल में हुई अपनी पिटाई का जिक्र क्या कर दिया देश के लगभग सभी अख़बारों के इन्टरनेट और प्रिंट संस्करणों में ये खबर प्रमुखता से छपी. इस खबर का आम आदमी पर क्या असर पड़ना है? ये  किसी को नहीं पता.जबकि  इन्ही mr बच्चन ने जब ये ऐलान किया की वे भोपाल गैस पीड़ितों की खुले दिल से मदद करने को तैयार हैं शायद ही किसी अख़बार ने इसे प्रमुखता दी.
ये ठीक है की प्रिंट मीडिया सामाजिक जागरूकता और  आम आदमी की परेशानियों से सरोकार रखता है मगर अभिनेताओं  या राजनेताओं की छींक आने या उन्हें फ्लू हो जाने की ख़बरों को प्रमुखता देने का क्या औचित्य है?हर दूसरे दिन इस तरह की खबर किसी न किसी समाचार पात्र में देखने को मिल जाएगी.
एक आम आदमी का बच्चा हर दिन स्कूल में पिटता है,एक आम आदमी को हर दिन फ्लू ,या छींक आती है पर क्या संसद में या विधानसभा में बैठने वाले उन नेताओं से जिन्हें वो खुद चुन कर सदन में भेजता है या उन अभिनेताओं से जिन्हें लोकप्रियता दिलाने में उसी आम आदमी का हाथ होता है इन लोगों से कैसे निम्न हो सकता है?
माना की अमिताभ बच्चन एक खास नागरिक और  राष्ट्रीय धरोहर हैं अपने ब्लॉग पर लिखना उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है किन्तु उनकी इन बातों को प्रमुखता देना रोज़मर्रा की समस्याओं से ध्यान हटाने का प्रयास है.ये बात केवल किसी एक व्यक्ति हेतु नहीं अपितु उन सभी मंत्रियों और गणमान्य लोगों हेतु भी है जिनको अगर खरोच भी लग जाये तो अगले दिन अख़बारों के पहले पृष्ठ पर यही खबर नज़र आती है.
मीडिया को इस तरह की प्रवृत्ति से बचना चाहिए.

19 June 2010

आज फिर मन .....

आज फिर मन मचल रहा है,
मदिरालय में जाने को.
दो घूँट पी कर साकी के,
गैरों  संग  झूम जाने को.
रिश्ते नाते दुनियादारी,
चाहता हूँ भूल जाने को.
जिनसे कुछ न लिया दिया,
आते वही गले लगाने को.
तन्हाई में विष का प्याला,
तड़पता अमृत कहलाने को.
अधर कहते कदम ताल कर,
मधुशाला में जाने को.

14 June 2010

वो कहते हैं

वो कहते हैं,उन्हें अपना पता बता दें हम,
इसलिए कि फिर से चला सकें,वो अपना काला  जादू हम पर।
एक बार तो बेवफाई को हम झेल ही चुके हैं,
हर बार बस ‘एक’ को ही अपना नहीं बनाते हैं हम। ।

ये भूल है उनकी कि हम उनको याद करते है।
ये फितरत है हमारी कि,हर किसी पे एहसान करते हैं। ।

13 June 2010

कभी-कभी

कभी-कभी भूले से उन के दर पर चले आते हैं,
ये जान कर भी कि दरवाज़ा बंद कर ,वो सो रहे हैं गहरी नींद में
और लौट आते हैं हम अपने आशियाने पर
इस उम्मीद के साथ कि शायद कभी वो हम को पहचान लेंगे.

12 June 2010

जो मेरा मन कहे

जो मेरा मन कहे कि ,

आज आसमान को छू लूँ मैं,

और उसे छूने की चाह में

उठता जाऊं ,और ऊपर उठता जाऊं

कोई कहता रहे

लोग पुकारते रहें

आवाज़ देते रहें मुझ को

मगर मैं

मैं

उनको देखूं और बढ़ता जाऊं

एक नई मंजिल की ओर ।

जो मेरा मन कहे कि

कि अब थोडा आराम कर लूँ

लम्बे सफ़र का राही हूँ

कुछ दूर और चलना है

कि मैं कहता हूँ अपने मन से

नहीं अब मैं नहीं रुकुंगा

वो साहिल नज़र आ रहा है

अनंत के उस पार

अब तो वहीँ जाकर

ठीक से सो सकूँगा । ।



10 June 2010

जो मेरा मन कहे

जो मेरा मन कहे कि
आज दो शब्द कह दूँ ,
निः शब्द हो कर
कुछ मूक स्वरों में ।
मैं विराम कि तलाश में
खुद को कहीं खो बैठा हूँ,
क्या कहूँ कि अब बोल ही न बचे
मेरे अधरों में ।
जो मेरा मन कहे कि
दिल की बात कह दूँ
कोई सुनने वाला बैठा है
मेरे अंतर्मन में ।


08 June 2010

एक चमकता हुआ सितारा

एक चमकता हुआ सितारा

अपनी चमक को खो रहा है.....

याद करके अपनी जवानी

बुढ़ापे में रो रहा है

एक चमकता हुआ सितारा

अपनी चमक को खो रहा है.......

भूले बिसरे पल वो सुनहरे

बरबस याद आते हैं

सपना बन कर के मन में कुछ ऐसे समां जाते हैं

बीती आयु समय जीवन का अब पूरा हो रहा है

एक चमकता हुआ सितारा हुआ सितारा

अपनी चमक को खो रहा है.....

याद आती अपनी जवानी

बचपन याद आता है

कितने सुनहरे थे वो दिन

अंतिम समय अब आ रहा है

एक चमकता हुआ सितारा

अपनी चमक को खो रहा है.....

खुशहाल चमन था

ठंडी हवाएँ रोज़ गुलशन में चलती थीं

बागों में खिलती थीं कलियाँ

खुशबु गुलाबों की उडती थी

हरियाली गयी

अब पतझड़ आ रहा है

एक चमकता हुआ सितारा

अपनी चमक को खो रहा है....

बीते दिन बीते पल

आते रहेंगे याद युहीं

यादों को सहेजे रखने का चलन

सदियों से चला आ रहा है

एक चमकता हुआ सितारा

अपनी चमक को खो रहा है.....

India should be BHARAT

As we all know that the countries in the world are known in their own name or in the name of their national languages.even PAKISTAN,NEPAL,BHUTAN,MYANMAR are also known as same but BHARAT or HINDUSTAN known as INDIA why??
Why not we have our own identity in the world as a country.BHARAT should be known as BHARAT not as INDIA.

You all are invited to join a community-BHARAT on my orkut profile.you can choose search community option on the orkut page.

05 June 2010

I wish to fly!!

I wish to fly! high in the sky
like a bird,not like a plane
I wish to take off and land,
freely,not on airport
Some one is calling me! calling me;
to fly with her
to live with her
with a comman thought
who is she,
where is she
i don't know
but think
my soul wants me
to fly! fly high!!in the sky!

03 June 2010

मैं प्रेम गीत गाता हूँ

इन अनजानी राहों पर,
काँटों को गले लगाता हूँ,
मेरा न कोई मनमीत मगर,
मैं प्रेम गीत गाता हूँ।
बैरागी हो नहीं सकता ,
है रागों से प्यार मुझे,
मन के घने अंधियारे में भी
रास रंग की चाह मुझे।
निराशा के सागर में
आशा को गले लगाता हूँ
मन के मदिरालय में प्रतिदिन
मैं प्रेम गीत गाता हूँ॥

02 June 2010

Its The Time To Move

 A very first attempt to write in English, on office seat :)

Its the time to move;
to decide a plan for a journey of life,
no ray is going on a positive way,
nothing to say;
how can survive or;
how can be alive;
without a thought,
no,not,never,whatever will be done;
after death,
lets move! move for a new journey!!
with no willing;
without compromise,
Its the time to move;
to decide a plan for a journey of life.

मौत का जशन

शवों को गंगा जल से नहलाते हैं ,
और चिताओं पर देसी घी बरसते हैं लोग
मौत के लंगर को भी स्वाद ले ले कर खाते हैं लोग,
ये न सोचा की जीते जी 'उसे' क्या मिला क्या नहीं,
मैं पूछता हूँ पर वो बताना नहीं चाहते ,
ये मौत का जश्न है या ऐसे ही शोक मानते हैं लोग.

जो मेरा मन कहे.

लोग कहते हैं ये करो,वो करो
ऐसे करो,वैसे करो
यहाँ करो,वहां करो
लोगों को कहने दो...

'मैं ' कहता हूँ वो करो
जो करने को दिल कहे
जो 'मेरा' मन कहे.

यूँ तो मटमैली धरती पर भी
सतरंगी सपने, देखे जाते हैं
धरती और असमान के
मिलन के किस्से कहे जाते हैं

क्या क्या कहते हैं,क्या क्या करते हैं
कुछ जान कर या अनजान बनकर

पर 'मैं ' करूँगा वो
जो मेरा मन कहे
किसी को जो कहना हो वो कहता रहे.

अखबार के पन्नों पर




भास्कर भूमि-20/08/2012





भास्कर भूमि-19/09/2012



भास्कर भूमि-21/09/2012


भास्कर भूमि -(03/अक्तूबर/2012)
 
 (भास्कर भूमि -19/नवंबर/2012) 
 
भास्कर भूमि-13/12/2012  
 
 भास्कर भूमि-14/12/2012
भास्कर भूमि-05/जनवरी/2013

भास्कर भूमि-23/जनवरी/2013

भास्कर भूमि-24/जनवरी/2013  
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4 comments:

  1. बधाई बधाई.............

    खूब तरक्की करो...खूब नाम कमाओ......
    शुभकामनाएं....

    सस्नेह
    Reply
  2. खूब बधाई, शुभकामनाएं :)
    Reply
  3. congratulation yashwant sir ji:-)
    Reply
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